14. छठ गीत – पेन्हि ना बलम जी पियरिया
पेन्हि ना बलम जी पियरिया,
चली छपरा के घाट,
चली छपरा के घाट ||
अरे अंगना तुलसी के गछिया
भूईयवे लोटे हो डाढ़,
अरे अंगना तुलसी के गछिया
भूईयवे लोटे हो डाढ़ ||
छठी मैया के ऊँची रे अररीया,
ओह पर चढ़लो ना जाए ||
छठी मैया के ऊँची रे अररीया,
ओह पर चढ़लो ना जाए ||
नारियल जे फरेला खवद से,
नारियल जे फरेला खवद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए ||
पहिले पहिल परब हम करतानी
जईसे बुझाता ओईसे कोशी भरतानी
पहिले पहिल परब हम करतानी
जय छठी मईया !
भोरवे में नदिया नहाईला आदित मनाईला हो,
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो,
बाबा फूलवा अक्षतवा चढ़ाईला सब गुण गाईला हो ॥
चार पहर हम जल थल सेविला,
चार पहर हम जल थल सेविला,
सेविला चरण तोहार,
हे छठी मईया दर्शन दिहि ना आपन,
हे छठी मईया दर्शन दिहि ना आपन ॥
जोड़े जोड़े फलवा सुरुज देव,
घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो,
जोड़े जोड़े फलवा सुरुज देव,
घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो,
जल बिच खड़ा होई दर्शन ला,
आसरा लगावेले हो,
जल बिच खड़ा होई दर्शन ला,
आसरा लगावेले हो ॥
पटना के घाट पर,
हम हूँ अरगिया देबई,
हे छठी मईया,
हम ना जाईब दूसर घाट,
देखब हे छठी मईया,
हम ना जाईब दूसर घाट,
देखब हे छठी मईया ॥
केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके झुके,
केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके झुके ||
कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ||🙏||